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मैंने लगाई थी एक अर्जी

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sun_summer630

मैंने लगाई थी एक अर्जी,
धूप के दरबार में,
मान ली सूर्य ने,
जो भी थी वे।
कहा मैंने था कि कम है,
तेज थोड़ा किरणों में,
उर्जा रहित होती देह,
आ न जाए जीर्णों में।
तीव्र मिल गईं किरणें अपार हमें,
मैंने लगाई थी एक अर्जी,
धूप के दरबार में।
शुष्कता हवा की बताया,
काट देती है त्वचा,
बर्फ कर देते हो जिसको,
पानी प्रकृति ने था रचा।
ऊष्णता बढ़ाई भानु ने व्यवहार में,
मैंने लगाई थी एक अर्जी,
धूप के दरबार में।
हो गई मंजूर अर्जी,
सूर्य रहा न्यायधर्मी,
सर्दी की थी अर्जी मगर,
हुई मंजूर जब आई गर्मी।
मैंने लगाई थी एक अर्जी,
धूप के दरबार में,
मान ली सूर्य ने,
जो भी थी फरियाद वे।
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आरती

भोर भई दिन चढ़ गया मेरी
अम्बे………….2
हो रही जय जय कार मंदिर
विच आरती जय माँ ।
हे दरबारा वाली आरती जय
माँ, ओ पहाड़ा वाली आरती
जय माँ

काहे दी मैया तेरी आरती
बनावा………………2
काहे दी पावां विच बाती
मंदिर विच आरती जय माँ ।
सुहे चोले वाली आरती जय
माँ, हे माँ पहाड़ा वाली
आरती जय माँ ॥

सर्व सोने दी आरती
बनावा…………2,
अगर कपूर पावां बाती
मंदिर विच आरती जय माँ
हे माँ पिंडी रानी आरती
जय माँ, हे पहाड़ा वाली
आरती जय माँ

कौन सुहागन दिवा बालेया
मेरी मैया……….2,
कौन जागेगा सारी रात
मंदिर विच आरती जय माँ
सच्चिया ज्योतां वाली
आरती जय माँ, हे पहाड़ा
वाली आरती जय माँ

सर्व सुहागिन दिवा
बलिया मेरी अम्बे……….2,
ज्योत जागेगी सारी रात
मंदिर विच आरती जय माँ
हे माँ त्रिकुटा रानी
आरती जय माँ, हे पहाड़ा
वाली आरती जय माँ

जुग जुग जीवे तेरा
जम्मुए दा राजा…….2,
जिस तेरा भवन बनाया
मंदिर विच आरती जय माँ
हे मेरी अम्बे रानी
आरती जय माँ, हे पहाड़ा
वाली आरती जय माँ

सिमर चरण तेरा ध्यानु
यश गावे………….2,
जो ध्यावे सो, यो फल
पावे, रख बाणे दी लाज,
मंदिर विच आरती जय माँ,
सोहने मंदिरां वाली
आरती जय माँ ॥

भोर भई दिन चढ़ गया मेरी
अम्बे, भोर भई दिन चढ़
गया मेरी अम्बे,
हो रही जय जय कार मंदिर
विच आरती जय माँ ।
हे दरबारा वाली आरती जय
माँ ओ पहाड़ा वाली आरती
जय माँ

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सुरक्षा

जो सुरक्षा अपनाएगा

जीवन का सुख पाएगा

 

रोज़ बढ़ रही है जीवन में

सुविधाओं की रफ्तार

छोटे छोटे खतरे भी

आ रहें हैं अपार

जो सुविधाओं को

ध्यानपूर्वक अपनाएगा

वो इन खतरों से

आसानी से बच जाएगा

 

हमारे पक्ष में ही होती है

दुनिया की उन्नती सारी

हर अविष्कार से हो जाती

आसान जिंदगी हमारी

सुरक्षा उपायों से ही कोई

अविष्कारों का उपभोग कर पाएगा

 

छोटी सी भूल भी

कर सकती दुर्घटना भारी

थोड़ी सी सावधानी भी

सुरक्षा देती है सारी

यदि जीवन का सुखी है बनाना

तो सुरक्षा को पड़ेगा अपनाना